
gmedianews24.com/नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र का आज पांचवां दिन है, लेकिन हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने की उम्मीद कम ही दिख रही है। विपक्ष बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन संशोधन यानी कि SIR को लेकर लगातार हमलावर है और इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है। बिहार में कुछ महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट संशोधन को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग का यह संशोधन अभियान दलित, आदिवासी और गरीब समुदायों के मतदाताओं को वोट देने के अधिकार से वंचित करने की साजिश है। इस मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने आज प्रोटेस्ट मार्च निकाला जिसमें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कई बड़े नेता शामिल हुए।
विरोध प्रदर्शन में सोनिया गांधी भी हुई थीं शामिल
बता दें कि गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर लगातार तीसरे दिन प्रदर्शन किया था, जिसमें कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुई थीं। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘खतरे में लोकतंत्र’ लिखा पोस्टर लहराकर सरकार पर निशाना साधा था। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ था, लेकिन पिछले 4 दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। विपक्ष न केवल बिहार वोटर लिस्ट मुद्दे पर चर्चा चाहता है, बल्कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांग रहा है।
चुनाव आयोग ने प्रक्रिया को बताया पारदर्शी
सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सहमति जताई है। सूत्रों के मुताबिक, 28 जुलाई को लोकसभा में इस मुद्दे पर बहस हो सकती है। हालांकि, बिहार वोटर लिस्ट संशोधन पर सरकार और चुनाव आयोग का कहना है कि यह अभियान अवैध और डुप्लिकेट वोटरों को हटाने के लिए जरूरी है। चुनाव आयोग ने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बताते हुए कहा है कि इसका मकसद स्वच्छ मतदाता सूची सुनिश्चित करना है। पक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में कई बार स्थगन प्रस्ताव और नियम 267 के तहत नोटिस देकर इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की है, लेकिन हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार स्थगित हो रही है।