
gmedianews24.com/नई दिल्ली : एयर इंडिया फ्लाइट 171 के भीषण हादसे की प्रारंभिक जांच के बाद विदेशी मीडिया में पायलट पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। हालांकि अब इसको लेकर खुद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने मीडिया रिपोर्टों को ‘जल्दबाजी और अटकलों पर आधारित’ बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी और जांच पूरी होने तक संयम बरतना जरूरी है। एयर इंडिया का बोइंग 787-7 ड्रीमलाइनर विमान 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे जा रहा था, लेकिन टेकऑफ के कुछ ही देर बाद दोनों इंजनों में ईंधन की सप्लाई बंद हो गई, जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 260 लोगों की जान चली गई।
शुरुआती जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि टेकऑफ के ठीक बाद कॉकपिट में लगे दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच “कटऑफ” पोजिशन में चले गए, जिससे इंजनों को ईंधन की सप्लाई रुक गई। हालांकि ये स्विच लगभग 10 सेकंड में दोबारा चालू कर दिए गए, लेकिन तब तक विमान को जरूरी थ्रस्ट नहीं मिल पाया और दुर्घटना हो गई।
एएआईबी द्वारा हाल ही में जारी प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर को कैप्टन सुमीत सभरवाल से पूछते सुना गया कि उन्होंने ईंधन सप्लाई क्यों बंद की। इस पर कैप्टन सभरवाल ने जवाब दिया कि उन्होंने ऐसा नहीं किया। रिपोर्ट में बताया गया कि टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजनों के ईंधन कंट्रोल स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए, जिसके बाद विमान ने जोर खो दिया और नीचे गिरने लगा।
NTSB और AAIB दोनों ने दी संयम बरतने की अपील
NTSB अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने कहा, “एयर इंडिया 171 दुर्घटना पर हालिया मीडिया रिपोर्ट्स समय से पहले और अटकलबाजी पर आधारित हैं। भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने अभी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। इतने बड़े पैमाने की जांच में समय लगता है। हम AAIB की सार्वजनिक अपील का पूरा समर्थन करते हैं, जो गुरुवार को जारी की गई थी, और इसकी जारी जांच का समर्थन करते रहेंगे। सभी जांच संबंधी प्रश्न AAIB को संबोधित किए जाने चाहिए।” इससे पहले एयर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विल्सन ने भी सार्वजनिक रूप से आग्रह किया कि जनता और मीडिया को जांच पूरी होने तक अटकलों से बचना चाहिए और तथ्यों के आधार पर ही निष्कर्ष निकालना चाहिए।
एएआईबी ने भी एक बयान में कहा कि उनकी प्रारंभिक रिपोर्ट केवल यह बताती है कि क्या हुआ, न कि क्यों हुआ। ब्यूरो ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया, विशेष रूप से वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) की एक रिपोर्ट को “चुनिंदा और असत्यापित” करार देते हुए इसकी आलोचना की। डब्ल्यूएसजे ने दावा किया था कि कॉकपिट रिकॉर्डिंग से संकेत मिलता है कि कैप्टन सभरवाल ने ईंधन नियंत्रण स्विच को बंद किया था, जिसके बाद फर्स्ट ऑफिसर कुंदर ने उनसे सवाल किया।
DGCA ने दिए सभी बोइंग विमानों की जांच के आदेश
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद भारत के नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एक एहतियाती कदम उठाते हुए देश में संचालित सभी बोइंग 737 और 787 विमानों की फ्यूल कंट्रोल प्रणाली की जांच के आदेश दिए हैं। इसका उद्देश्य संभावित यांत्रिक खामियों को समय रहते पकड़ना और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकना है।