
gmedianews24.com/नई दिल्ली। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की 2023 की सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आबादी अब धीरे-धीरे उम्रदराज हो रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 0 से 14 साल के बच्चों की संख्या लगातार घट रही है, जबकि बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:
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बच्चों की आबादी में गिरावट:
1971-81 के बीच 0-14 साल के बच्चों की हिस्सेदारी 41.2% से घटकर 38.1% हो गई। 1991 से 2023 के बीच यह और घटकर 24.2% रह गई। यानी पिछले 50 साल में बच्चों की हिस्सेदारी में करीब 17% की गिरावट आई है।-
फर्टिलिटी रेट: 1971 में 5.2, 2023 में घटकर 1.9।
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कामकाजी उम्र के लोगों की संख्या बढ़ी:
15 से 59 साल के लोगों की हिस्सेदारी 1971-81 में 53.4% से बढ़कर 56.3% हुई। 1991 से 2023 में यह और बढ़कर 66.1% हो गई।-
दिल्ली में सबसे ज्यादा 70.8%, बिहार में सबसे कम 60.1%।
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शहरी इलाकों में 68.8%, ग्रामीण में 64.6%।
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जम्मू-कश्मीर में ग्रामीण महिलाओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक 70.1%।
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बुजुर्गों की आबादी बढ़ी:
60 साल से ऊपर की आबादी 2023 में 9.7% हो गई।-
केरल में सबसे ज्यादा 15.1%, तमिलनाडु 14%, हिमाचल प्रदेश 13.2%।
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रिपोर्ट का संभावित असर:
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आर्थिक: भविष्य में कार्यबल छोटा होने से आर्थिक विकास की गति धीमी हो सकती है। पेंशन और सामाजिक सुरक्षा पर दबाव बढ़ सकता है।
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सामाजिक: सिंगल चाइल्ड या नो चाइल्ड परिवार बढ़ सकते हैं। बुजुर्गों की देखभाल करने वाले कम होंगे। प्रति बच्चे निवेश बढ़ने से शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार संभव।