
gmedianews24.com/बिलासपुर : सड़क हादसे में गौवंशों की मौत के बाद जिला प्रशासन में बड़ा एक्शन लिया है. जिले में धारा 163 प्रभावशील कर दिया गया है. हादसे के लिए अब मवेशी मालिक जिम्मेदार होंगे. सड़कों में पशुओं को खुला छोड़ने पर पशु मालिकों को सजा होगी और जुर्माना भी वसूला जाएगा. इसका आदेश कलेक्टर के निर्देश पर सभी एसडीएम ने जारी किया है.
बता दें कि हाल ही में बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे पर अज्ञात वाहन ने 26 गायों को कुचला दिया था, जिससे 25 मवेशियों की मौत हो गई थी. इस घटना को लेकर गौ रक्षकों में भारी आक्रोश था. उन्होंने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. वहीं इस हादसे के बाद जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है.
आदेश में कहा गया है कि अनुविभाग तखत्तपुर अंतर्गत आवागगन के लिए निर्धारित भारतीय राजष्ट्रीय राजमार्ग, राज्यीय राजमार्ग एवं स्थानीय गागों में लगातार सड़क दुर्घटना घटित हो रही है, जिसका एक प्रमुख कारण स्थानीय पशु मालिकों द्वारा लापरवाही व गैर जिम्मेदारीपूर्वक पशुओं को सड़क एवं सार्वजनिक स्थल पर स्वतंत्र रूप से छोड़ देना है. इन आवारा पशुओं के कारण न केवल आवागमन बाधित होता है अपितु जनहानि, पशुहानि एवं मालहानि जैसी गंभीर घटना घटित होती है, जिससे कानून एवं लोक शांति व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है.
आवारा पशुओं के मार्गों में एकत्रित होने से अत्यावश्यक सेवा एवं आपातकालीन सेवा देने वाले वाहनों का आवागमन भी गंभीर रूप से प्रभावित होता है. यदि इन आवारा पशुओं के मालिकों द्वारा इन पशुओं को सड़क अथवा सार्वजनिक स्थलों में न छोड़कर उचित प्रबंधन एवं रख रखाव किया जाता है तो होने वाली मानव जीवन की क्षति, पशु क्षति, संपत्ति की क्षति तथा कानून एवं शांति व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने से बचा जा सकता है. पशुओं के मार्गों में एकत्रित होने से घटित गंभीर सड़क दुर्घटना पर उच्च न्यायालय ने भी डब्लूपी (पीआईएल) 58/2019 में संज्ञान लेकर राज्य शासन से जवाब मांगा है. इस प्रकार सड़क पर एकत्रित आवारा पशु न केवल आमजन के आवागमन में बाधक या सड़क दुर्घटना का कारण है अपितु प्रशासनिक समस्या भी बन चुका है. इसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार इन आवारा पशुओं के लापरवाह व गैर जिम्मेदार पशु मालिक हैं.
पशु मालिकों का इस प्रकार गैर जिम्मेदाराना एवं लापरवाहीपूर्वक आचरण भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 291 के अंतर्गत तथा पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय 3 धारा 11(1) के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में भी आता है. इस क्षेत्र में मानव/पशु जीवन, लोकहित, कानून एवं लोक शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए अनुविभाग के विभिन्न मार्गों एवं सार्वजनिक स्थानों में विभिन्न पशु मालिकों द्वारा अपने पालतू पशुओं को स्वतंत्र रूप से छोड़े जाने से रोका जाना आवश्यक हो गया है.
एसडीएम ने आदेश में कहा है कि अनुविभाग अंतर्गत सभी पशु मालिक अपने पशुओं को बांधकर रखेंगे. इन पशुओं को मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से न छोड़ेंगे न एकत्रित होने देंगे, अन्यथा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 291 के अंतर्गत सजा एवं जुर्माना से दण्डित किया जाएगा. साथ ही पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय 3 धारा 11(1) तथा अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी. यह आदेश आज 28 जुलाई से आगामी दो माह तक के लिए प्रभावी रहेगा.