ट्रैफिक पुलिस:चालान के वक्त यह गवाह है जरूरी, नहीं तो कोर्ट में आप ऐसे कर सकते हैं चैलेंज
संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) में मानों चालान की बाढ़ आ गई हो. आरसी नहीं है, डीएल (driving licence) भी नहीं है, रेड लाइट (Red Light) जम्प कर और तो और ट्रैफिक पुलिसकर्मी (Traffic Policemen) के साथ व्यवहार भी सही नहीं किया के एक साथ चालान कट रहे हें.
एक चालान (Challan) और जुर्माना तीन-तीन. संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) में मानों चालान की बाढ़ आ गई हो. आरसी नहीं है, डीएल (driving licence) भी नहीं है, रेड लाइट (Red Light) जम्प कर और तो और ट्रैफिक पुलिसकर्मी (Traffic Policemen) के साथ व्यवहार भी सही नहीं किया. यह हम नहीं चालान कह रहे हैं. अगर आपका चालान भी कुछ इसी तरह का हुआ है और आपको लगता है कि आपने सिर्फ रेड लाइट ही जम्प की थी और बाकी के डॉक्यूमेंटस मौके पर आपके पास मौजूद थे, लेकिन किसी कारणवश पुलिसकर्मी ने आपके चालान में बाकी की वजह जानबूझकर जोड़ दी हैं तो आप उसे चैलेंज कर सकते हैं.
यह है सड़क पर चालान काटने का नियम
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट इरशाद अहमद बताते हैं, जब भी पुलिसकर्मी आपके वाहन का चालान काटेगा तो चालान में उसे एक गवाह के साइन कराना भी जरूरी होगा. यह ऐसा गवाह होगा जो उस वक्त मौके पर मौजूद हो. जिसने आपको रेड लाइट जम्प करते हुए देखा हो. या फिर जिसके सामने आपके वाहन के कागज चेक किए जा रहे हों.
चालान को कोर्ट में ऐसे कर सकते हैं चैलेंज
इरशाद अहमद का कहना है कि आजकल जो चालान काटे जा रहे हैं वो चालान टू कोर्ट हैं. मतलब आपको मौके पर ही चालान की रकम जमा नहीं करनी है. आप उस इलाके की कोर्ट में जाकर चालान में दिखाई गई जुर्माने की रकम को जमा कर सकते हैं. इस प्रक्रिया को समरी ट्रॉयल कहते हैं. अगर आपको लगता है कि आपका चालान गलत काटा गया है तो आप उसे चैलेंज भी कर सकते हैं. मतलब चालान की रकम को भरने से मना कर सकते हैं. तब कोर्ट ट्रैफिक पुलिस से चालान काटते वक्त मौजूद गवाह की जानकारी लेगी.